Sunday 15 August 2010

"ख़ुशी की याद.."


ख़ुशी - है जो हर कोई चाहता है..
किन्तु वास्तव में कुछ को ही मिल पाता है !!
ख़ुशी है जो हर गलत को सही कर देता है,
और इंसान बिना अफ़सोस के जीता है!!
फिर क्यूँ ख़ुशी पाने को करते हैं अत्याचार..
जब हम सभी करते हैं इसे इतना प्यार..
जीवन की सच्चाई को समझ गए अगर,
तो कम से कम ख़ुशी आएगी अपने दर..!!
ख़ुशी तो तुम में से कई के पास आती है..
और तुम्हें लगता है वो हमेशा रहे..
ख़ुशी तो तुम्हें जीना सिखाती है..
बुरे सपने के बिना नींद देती है!!
तुम्हें यदि नहीं चाहिए वो ख़ुशी..
तो मुझे दे दो वो ख़ुशी,
तुम रोओगे जब ख़ुशी जाएगी..
एहसास जब अकेलेपन का होगा..
तब ख़ुशी की याद आएगी..!!!
-------*--------

No comments:

Post a Comment

"हक़...!!!"

 तुम जो अगर, मुझ पर प्यार से.... अपना एक हक़ जता दो  तो शायरी में जो मोहब्बत है,  उसे ज़िंदा कर दूँ....  हम तो तेरी याद में ही जी लेंगे ... तु...