"ज़िन्दगी-- तुझसे आगे...!!!"
जीवन के इस आपाधापी में मैं..
कुछ पल चलता, कुछ पल रुकता मगर
इस कुछ- पल में.. ज़िन्दगी मुझसे आगे बढ जाती,
फिर भी, मैं हर पल मुस्कुराता....
ज़िन्दगी मुझपर होकर हैरान
बोली ----
तुम हार रहे हो फिर भी मुस्कुराते हो नादान !!!
मैं अपनी हार पर या किसी के जीत पर हूँ अटल
अपनी चाल में चलना है मुझे ये जीवन
आज तू ज़िन्दगी जीत जाएगी...
पर एक दिन एक ऐसी सीमा आएगी कि
तू थक कर, एक कदम आगे भी न जा पाएगी
तब भी मैं रहूँगा अचल
मुस्कुराते हुए ही,
कुछ पल चलता, कुछ पल रुकता मगर
इस कुछ- पल में.. ज़िन्दगी मुझसे आगे बढ जाती,
फिर भी, मैं हर पल मुस्कुराता....
ज़िन्दगी मुझपर होकर हैरान
बोली ----
तुम हार रहे हो फिर भी मुस्कुराते हो नादान !!!
मैं अपनी हार पर या किसी के जीत पर हूँ अटल
अपनी चाल में चलना है मुझे ये जीवन
आज तू ज़िन्दगी जीत जाएगी...
पर एक दिन एक ऐसी सीमा आएगी कि
तू थक कर, एक कदम आगे भी न जा पाएगी
तब भी मैं रहूँगा अचल
मुस्कुराते हुए ही,
ऐ ज़िन्दगी- जाऊँगा तुझसे आगे निकल
और तू करेगी मेरा इंतज़ार
लौट कर मैं न आऊंगा और
उस अलग संसार में भी मैं मुस्कुराऊंगा
फिर निकल जाऊंगा नए एक ऐसे सफ़र पर
जहाँ अनजान रास्ते और अनजान हमसफ़र मेरी राह तकेंगी !!
और तू करेगी मेरा इंतज़ार
लौट कर मैं न आऊंगा और
उस अलग संसार में भी मैं मुस्कुराऊंगा
फिर निकल जाऊंगा नए एक ऐसे सफ़र पर
जहाँ अनजान रास्ते और अनजान हमसफ़र मेरी राह तकेंगी !!
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behatareen..
ReplyDeletelike very much.......
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