Friday 22 April 2011

"दर्द..!!"



आज मिले हम बरसों बाद,
मानो समय रुक सा गया है..
ना मेरे पास कोई बात है,
ना तुम कुछ बोल रही हो..
मैं तुम्हें देखता हूँ बस एक टुक..
तेरी नज़रें भी कुछ पथराई सी है..
एक दर्द है तेरी  उन आखों में,
जैसे तुमने कुछ खो दिया है ||

H/English

Aaj mile hum barson baad,
maano samay ruk sa gaya hai..
na mere paas koi baat hai,
naa tum kuchh bol rahi ho..
main tumhain dekhata hun bas ek tuk..
teri nazar bhi kuchh patharai si hain..
ek dard hai teri un aakhon me,
jaise tumne kuchh kho diya hai ||

1 comment:

"हक़...!!!"

 तुम जो अगर, मुझ पर प्यार से.... अपना एक हक़ जता दो  तो शायरी में जो मोहब्बत है,  उसे ज़िंदा कर दूँ....  हम तो तेरी याद में ही जी लेंगे ... तु...