शाम फिर आज खाली खाली सी है
तन्हाई ने फिर
तनहा रहने की तरकीब निकाली है
दूर डूब रहा है सूरज
साथ में पुराने सारे पल
अब नयी किरण आएगी
नए साल के साथ
सब कुछ नया होगा उस पल में
नया साल होगा और पुराना मैं
वक़्त कहता है टूट जाऊंगा मैं
पर जोड़ के खुद को खुद से
फिर से वापस आऊंगा मैं
नयी किरण की ताजगी होगी
और फिर से मुस्कुराऊंगा मैं
कि नए साल में
फिर नया होकर आऊंगा मैं
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