Saturday 16 June 2012

"आखरी बार..!!!"


आखरी बार जाने से पहले 
तुम मुझसे मिल ही लो
वो सारी बातें, वो शरारतें 
कि ज़िन्दगी फिर से जी लो
आज रात ये मद्धम मद्धम हवा 
चांदनी को गोद में ले उड़ रही है
चाँद हंस रहा है उनकी अटखेलियों पर
काश अभी तुम मेरे गलियों से गुजरती 
हाथ पकड़ खिंच लेता तुम्हें बाहों में 
तेरे स्पर्श  को महसूस करता 
कि इस रात के हसीन होने का 
एक मतलब बनता...!!!!
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Tuesday 12 June 2012

"दिल्ली में पानी..!!!"



दिन का पारा ४० पार
पानी को लेकर हाहाकार
सरकार है सोयी 
और जनता परेशान
नेता आता और कहकर 
चला जाता कि
पानी आएगा २४ घंटे में 
फिर न आता पानी और 
ना ही आती कोई मदद
कुछ चैनल वाले 
रोज दिखाते 
पानी को लेकर 
पड़ोसिओं की तकरार
कब जागेगी ये सरकार 
कब बनेगी जनता होशियार 
और कब बनेगा मेरा भारत महान..!!!
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"हक़...!!!"

 तुम जो अगर, मुझ पर प्यार से.... अपना एक हक़ जता दो  तो शायरी में जो मोहब्बत है,  उसे ज़िंदा कर दूँ....  हम तो तेरी याद में ही जी लेंगे ... तु...