आखरी बार जाने से पहले
तुम मुझसे मिल ही लो
वो सारी बातें, वो शरारतें
कि ज़िन्दगी फिर से जी लो
आज रात ये मद्धम मद्धम हवा
चांदनी को गोद में ले उड़ रही है
चाँद हंस रहा है उनकी अटखेलियों पर
काश अभी तुम मेरे गलियों से गुजरती
हाथ पकड़ खिंच लेता तुम्हें बाहों में
तेरे स्पर्श को महसूस करता
कि इस रात के हसीन होने का
एक मतलब बनता...!!!!
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