Saturday 31 March 2012

"बारिश..!!"


बारिश की वो पहली बूँद जब पलकों पर गिरी
तेरी पहली छुअन का मेरे मन को एहसास हुआ
तेरे साथ जो गुजारे थे वो खुबसूरत पल 
हर क्षण में उसकी भूली हुई सी याद के भंवर में घूमता रहा
जाने वो कौन सी मनहूस घड़ी थी
मेरे आगोश से तुझे जुदा कर गयी...
आज भी सावन की पहली बूंदों में 
तेरी ताज़गी को महसूस करता हूँ
यही सोच कर अक्सर मैं ---
बारिश में अकेला ही भीग लेता हूँ....
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Sunday 18 March 2012

"साथ..!!"


तुम लाख खाओ शहद और मिठाई
मेरे इश्क से मीठा कुछ भी नहीं 
मुझसे बेहतर कोई तुम्हें
हमसफ़र न मिलेगा....
थक जो जाओ तुम इस सफ़र में
शुकून देने वाला ऐसा कन्धा न मिलेगा 
मैं जो अगर होता तेरे पास 
तो तेरी बात ही कुछ और होती 
महफ़िल में रंग तुमसे जमता 
फिर हर शाम तेरी हसीन होती
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"हक़...!!!"

 तुम जो अगर, मुझ पर प्यार से.... अपना एक हक़ जता दो  तो शायरी में जो मोहब्बत है,  उसे ज़िंदा कर दूँ....  हम तो तेरी याद में ही जी लेंगे ... तु...