Thursday 31 July 2014

"जब हम बच्चे थे...!!"


कुछ तो है जो कि हम कहीं रखकर भूल आये हैं ...
अब ज़िन्दगी भर उसे खोजते रहेंगे ...
पर ना वो चीज़ मिलेगी.... और ना ही उसकी याद मिटेगी
अब ये सोचता हूँ कि....
बड़े होकर भी क्या ख़ाक ज़िन्दगी जी रहे हैं....
वो दिन ही अच्छे थे.... जब हम बच्चे थे....
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3 comments:

  1. वाह क्या खूब लिखा है आपने

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  2. Inke alawa bhi kafi hai jise hum bhul gaye hai.

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"हक़...!!!"

 तुम जो अगर, मुझ पर प्यार से.... अपना एक हक़ जता दो  तो शायरी में जो मोहब्बत है,  उसे ज़िंदा कर दूँ....  हम तो तेरी याद में ही जी लेंगे ... तु...