मैं और मेरे अंदर का मैं
मारता हूँ पल पल एक मैं को
न जाने फिर भी
ज़िन्दा हैं कितने मैं
ज़िन्दा हैं अभी भी
मेरे अंदर मेरा मैं
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मारता हूँ पल पल एक मैं को
न जाने फिर भी
ज़िन्दा हैं कितने मैं
ज़िन्दा हैं अभी भी
मेरे अंदर मेरा मैं
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