Sunday 18 December 2016

"तारीफ़ें..!!!"

वो मुझसे कहते हैं
तुम क्या देख लेते हो मेरे चेहरे में
जो तारीफ़ें करते  हो इतनी मेरी
आईना तो मैं भी रोज़ देखती हूँ
मुझे तो कुछ अलग नहीं दिखता
मैंने कहा ---
आइना तो ले आये हो तुम बाज़ार से
पर देखने के लिए मेरी नज़र कहाँ से लाओगे
एक बार मेरी नज़रों में नज़र मिलाकर देख लो
तुम्हारे सभी सवालों का जवाब मिल जाएगा।।।। 
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"हक़...!!!"

 तुम जो अगर, मुझ पर प्यार से.... अपना एक हक़ जता दो  तो शायरी में जो मोहब्बत है,  उसे ज़िंदा कर दूँ....  हम तो तेरी याद में ही जी लेंगे ... तु...