Tuesday 8 August 2017

"कैसी होती है ज़िन्दगी..!!!"

कैसी होती है ज़िन्दगी
कुछ होने से पहले सब सामान्य चलता है
बातें , कदम- ताल , कहकहे, अपने - पराये
कैसी होती है ज़िन्दगी
एक शख्स मरता है
किसी की सनक की वज़ह से
कैसी होती है ज़िन्दगी
एक बच्चा भूखा सोता है माँ की पेट में
गरीब है उसकी माँ इसलिए
कैसी होती है ज़िन्दगी
ये इंसानियत है - मतलबों से भरा हुआ
खुद के लिए, औरों के लिए, तब भी - अब भी
कैसी होती है ज़िन्दगी ||
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"हक़...!!!"

 तुम जो अगर, मुझ पर प्यार से.... अपना एक हक़ जता दो  तो शायरी में जो मोहब्बत है,  उसे ज़िंदा कर दूँ....  हम तो तेरी याद में ही जी लेंगे ... तु...