Saturday 16 June 2012

"आखरी बार..!!!"


आखरी बार जाने से पहले 
तुम मुझसे मिल ही लो
वो सारी बातें, वो शरारतें 
कि ज़िन्दगी फिर से जी लो
आज रात ये मद्धम मद्धम हवा 
चांदनी को गोद में ले उड़ रही है
चाँद हंस रहा है उनकी अटखेलियों पर
काश अभी तुम मेरे गलियों से गुजरती 
हाथ पकड़ खिंच लेता तुम्हें बाहों में 
तेरे स्पर्श  को महसूस करता 
कि इस रात के हसीन होने का 
एक मतलब बनता...!!!!
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2 comments:

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    बेहतरीन रचना


    दंतैल हाथी से मुड़भेड़
    सरगुजा के वनों की रोमांचक कथा



    ♥ आपके ब्लॉग़ की चर्चा ब्लॉग4वार्ता पर ! ♥

    ♥ पढिए पेसल फ़ुरसती वार्ता,"ये तो बड़ा टोईंग है !!" ♥


    ♥सप्ताहांत की शुभकामनाएं♥

    ब्लॉ.ललित शर्मा
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  2. वाह....
    बहुत सुन्दर...
    रूमानी एहसास से भरी रचना...

    अनु

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