Friday 7 August 2020

"हार-जीत..!!!"

 

मेरे  हर  पाने  के साथ 

खोने का एहसास जुड़ा रहा 

मेरे हर जीत के साथ 

हार का साथ चलता रहा

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Friday 8 May 2020

”उम्र के साथ...!!!”

जब मेरा चेहरा आईने में देखा तो..
अब वो मुझसा नहीं लगता है |
पर कुछ जाना पहचाना सा लगता है ...
इस शहर में हर शख़्स शायद ऐसा ही दिखता है |
समय के साथ दुनिया ने इस गढ़ा है -
कुछ झूठ, कुछ छल, कुछ चालाकी ...
कुछ बेईमानी, कुछ मैं से इसे सजाया है ...
एक मासूम को इस उम्र ने एक मुखौटा पहनाया है ||
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"हक़...!!!"

 तुम जो अगर, मुझ पर प्यार से.... अपना एक हक़ जता दो  तो शायरी में जो मोहब्बत है,  उसे ज़िंदा कर दूँ....  हम तो तेरी याद में ही जी लेंगे ... तु...