Sunday 18 May 2014

"दुआ...!!"






बिछड़ के तुझसे...
सज़दे में, ये दुआ करता हूँ 
कि तुम खुश रहो हर पल 
क्यूंकि... 
अक्सर तुम ये कहते थे मुझसे  - 
कि मैं जब पास रहता हूँ तेरे- 
तब ही तुझे ख़ुशी मिलती है!! 
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"हक़...!!!"

 तुम जो अगर, मुझ पर प्यार से.... अपना एक हक़ जता दो  तो शायरी में जो मोहब्बत है,  उसे ज़िंदा कर दूँ....  हम तो तेरी याद में ही जी लेंगे ... तु...