Saturday 10 October 2015

"हस्ती...!!"

हर बार वो रास्ता कोई और बनाते रहे
हम हैं कि इंतज़ार करते रहे
मुझे मिटाने की हर कोशिश की गयी
लेकिन फिर भी हम डटे रहे
खड़े रहे उसी राह पर कि.…
कुछ बात तो है हममें भी.....
कि हस्ती हमारी कभी मिटती नहीं...|||
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"हक़...!!!"

 तुम जो अगर, मुझ पर प्यार से.... अपना एक हक़ जता दो  तो शायरी में जो मोहब्बत है,  उसे ज़िंदा कर दूँ....  हम तो तेरी याद में ही जी लेंगे ... तु...