Tuesday, 31 August 2010

तुम !: "जीवन एक उलझन..!!"

तुम !: "जीवन एक उलझन..!!"

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"हक़...!!!"

 तुम जो अगर, मुझ पर प्यार से.... अपना एक हक़ जता दो  तो शायरी में जो मोहब्बत है,  उसे ज़िंदा कर दूँ....  हम तो तेरी याद में ही जी लेंगे ... तु...